पटना: कोरोना से  प्रतिदिन  किसी ना किसी शिक्षक की मौत हो रही है। पटना जिले में अभी तक 35 शिक्षकों की मौत कोरोना से हो चुकी है। यह स्थिति बिहार के सभी 38 जिलों की है। सभी जिलों में कोरोना से अपनी जान गवाने वाले शिक्षकों की संख्या 8 से अधिक ही है।

पटना जिला शिक्षा कार्यालय एवं बिहार के अन्य  जिला शिक्षा कार्यालयों  से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक बिहार के 600 से अधिक शिक्षक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, कई शिक्षक अभी भी कोरोना संक्रमित हैं एवं हास्पीटल में उनकी गंभीर स्थिति बनी हुई है ।  कोरोना से संक्रमित ज्यादातर शिक्षकों का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।  वहीं जो शिक्षक  दुनिया से चले गये उनके  परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय है। कई शिक्षकों का  तो पूरा का पूरा परिवार ही कोरोना से संक्रमित हो गया है । इनके पास इलाज के लिए पैसे न होने के कारण इनकी स्तिथि और भी दयनीय है ।


जमीन गिरवी रख कर करवाया इलाज

कोरोना से प्राथमिक विद्यालय चरिहानी गौनाहा पश्चिम चंपारण के शिक्षक मृत्युंजय पांडेय की मृत्यु   हो गयी । उनकी पत्नी पूनम देवी ने बताया कि  पैसे की कमी के चलते उन्होँने जमीन गिरवी रख कर शिक्षक का इलाज करवाया ।

 वहीं  उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुढ़नीचक बाढ़ के सहायक शिक्षक राजकुमार राय की मृत्यु 21 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से हो गई। पत्नी शारदा ने बताया कि उन्हे लगभग 15 दिनों तक  हास्पीटल में भरती रखा गया ।इसमें 80 हजार रुपए का  खर्चा हुआ । पैसे की कमी के कारण उन्होँने शादी का जेवर  को भी  गिरवी रखा। फिर भी वह नहीं बच पाए।

नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर बिंद नालंदा के शिक्षक क  संतोष कुमार की उम्र 36 साल है। 2014 में  उनका यहाँ  नियोजन हुआ था। 9 मई को कोरोना संक्रमण से  संतोष कुमार की मृत्यु हो गयी। पत्नी की भी  हालात खराब है।उनका चार साल का एक  बेटा और दो साल की बेटी है। पिछले साल संतोष कुमार के पिता और माता दोनों की मृत्यु हो गयी थी। घर में  अब कोई कमाने वाला नहीं है। पत्नी नीरू ने यह भी  बताया कि  वे  लोग नालंदा में किराये के मकान में रहते हैं।


 मध्य विद्यालय देवमाहा धनरूआ में सहायक शिक्षक कमला  सिन्हा 31 साल के थे। उनका नीयोजन 2014 में  हुआ था। 24 अप्रैल को उनकी मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गयी। उनके  दो छोटे बच्चे हैं। उनकी  आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी। उनकी पत्नि ने बताया कि  घर में कमाने वाले केवल कमला सिन्हा ही थे। वे  छह महीने से उधार पर राशन पानी खरीद रहे हैं ।

आपदा राहत के तहत चार लाख का विशेष अनुदान

शिक्षकों की  लगातार हो रही   मौत पर तमाम शिक्षक संघ  एक जूट होकर विशेष अनुदान देने की मांग कर रहे हैं। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने  कहा  की जीन शिक्षकों की जान कोरोना  जा रही है, उनके  परिवारों को आपदा  राहत के तहत चार लाख की विशेष अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए, जिससे उनके परिवारों  का भरण पोषण हो सके। वहीं, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने भी  शिक्षकों को विशेष  राशि देने की मांग की है।